वारंट नहीं हुआ तामील तो अफसरों को देनी होगी रिपोर्ट

कोर्ट से जारी वारंट तामील कराने को लेकर अब संबंधित लापरवाही नहीं बरत सकेंगे। गंभीर मामलों में वारंट तामील न होने की वजह का भी उल्लेख करना होगा। इसकी जानकारी अधिकारी को उपलब्ध करानी होगी।


कोर्ट से जारी वारंट तामील कराने को लेकर ढीला रवैया अपनाने वाले पुलिसकर्मी अब ऐसा नहीं कर सकेंगे। अकसर वारंट तामील को लेकर वादी या अभियुक्त के न मिलने की बात कहकर वारंट वापस कर दिए जाते थे। अब सभी थानाध्यक्षों को निर्देश दिए हैं जो पुलिसकर्मी तामील के कार्य में लगाया जाए। उससे इस कार्य के संबंध में पूरी रिपोर्ट ली जाए।
यदि वारंट या सम्मन की तामील नहीं हो सकी है तो उसकी वजह क्या रही है। सिर्फ पत्र पर वादी या अभियुक्त के न मिलने की बात लिखने से ही अब काम नहीं चलेगा। थानाध्यक्ष को इस संबंध में रिपोर्ट देनी होगी।
क्यों होती रही है लेटलतीफी
पूर्व में वारंट व सम्मन तामील को लेकर अकसर कुछ कर्मी लापरवाह रवैया अपनाते रहे हैं। कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें घटना से संबंधित व्यक्ति जीवित रहते हुए भी कागजात में उसे मृत दर्शा दिया गया। बाद में इस गलती के सुधार के लिए कोर्ट की फटकार भी सहनी पड़ी है। इस तरह का दोहराव न होने पाए इसलिए तामील प्रक्रिया में सख्ती बरती जा रही है।
कोर्ट से जारी वारंट तामील कराने को लेकर थानाध्यक्षों को सख्त निर्देश दिए हैं। कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
ओमप्रकाश सिंह, एएसपी